मुंबई, 3 दिसंबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन) गूगल और एंथ्रोपिक जैसे प्रतिद्वंद्वियों से मिल रही कड़ी प्रतिस्पर्धा के बीच, ओपनएआई (OpenAI) ने अपने मुख्य चैटबॉट ChatGPT में सुधार के लिए आंतरिक रूप से 'कोड रेड' आपातकाल की घोषणा कर दी है। इसके साथ ही, रिपोर्टों के अनुसार, कंपनी एक नए और अत्यंत शक्तिशाली लार्ज लैंग्वेज मॉडल (LLM) पर काम कर रही है, जिसका कोडनेम 'गार्लिक' (Garlic) है।
'कोड रेड' क्यों?
ओपनएआई के सीईओ सैम ऑल्टमैन ने कथित तौर पर एक आंतरिक ज्ञापन (Internal Memo) में कर्मचारियों से अन्य सभी परियोजनाओं—जैसे विज्ञापन योजनाएँ, AI शॉपिंग असिस्टेंट और हेल्थ एजेंट—को फिलहाल रोक कर, ChatGPT में सुधार को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया है।
- यह कदम ऐसे समय में आया है जब गूगल के नवीनतम AI मॉडल 'जेमिनी 3' (Gemini 3) और एंथ्रोपिक के 'क्लॉड ओपस 4.5' (Claude Opus 4.5) ने प्रदर्शन के कई महत्वपूर्ण बेंचमार्क में ChatGPT को पीछे छोड़ दिया है।
- चुनौती: गूगल के जेमिनी 3 के लॉन्च के बाद, ChatGPT के मासिक सक्रिय यूज़र्स (Monthly Active Users) में कमी देखी गई है, जिससे ओपनएआई की बाज़ार में बढ़त खतरे में पड़ गई है।
- सुधार पर ज़ोर: 'कोड रेड' के तहत, ऑल्टमैन ने कर्मचारियों से ChatGPT की तेज़ी (Speed), विश्वसनीयता (Reliability) और व्यक्तिगतकरण (Personalisation) सुविधाओं को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करने को कहा है, ताकि यह यूज़र्स के लिए अधिक सहज और उपयोगी बन सके।
'गार्लिक' (Garlic) क्या है?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, 'गार्लिक' ओपनएआई का अगला बड़ा दाँव है, जिसे विशेष रूप से गूगल के जेमिनी 3 और क्लॉड ओपस 4.5 की क्षमताओं को पार करने के लिए डिज़ाइन किया जा रहा है।
- बेहतर प्रदर्शन: ओपनएआई के मुख्य अनुसंधान अधिकारी (Chief Research Officer) मार्क चेन ने कथित तौर पर सहयोगियों को बताया कि आंतरिक मूल्यांकन (Internal Evaluations) में 'गार्लिक' कोडिंग और रीजनिंग (तर्क क्षमता) जैसे कार्यों में प्रतिद्वंद्वियों से बेहतर प्रदर्शन कर रहा है।
- विशेषज्ञता की ओर कदम: यह नया मॉडल सामान्य AI के बजाय, बायोमेडिसिन (biomedicine) और हेल्थकेयर जैसे उच्च-मूल्य वाले विशिष्ट उद्योगों में AI अनुप्रयोगों की ओर ओपनएआई के रणनीतिक कदम का संकेत देता है।
- रिलीज़ टाइमलाइन: उम्मीद है कि 'गार्लिक' को GPT-5.2 या GPT-5.5 के रूप में 2026 की शुरुआत में जारी किया जा सकता है, ताकि AI दौड़ में ओपनएआई अपनी खोई हुई बढ़त को फिर से हासिल कर सके।
यह घटनाक्रम AI की दुनिया में एक नाटकीय उलटफेर है, क्योंकि दो साल पहले ChatGPT के आने के बाद गूगल ने भी इसी तरह 'कोड रेड' घोषित किया था, और अब ओपनएआई को वैसी ही स्थिति का सामना करना पड़ रहा है।