मुंबई, 28 नवम्बर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। भारत की अर्थव्यवस्था ने एक बार फिर साबित किया है कि वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच भी घरेलू मांग और उत्पादन क्षमता उसे मजबूती प्रदान करती है। जुलाई–सितंबर 2025 की दूसरी तिमाही में देश की GDP 8.2% की दर से बढ़ी, जो पिछले छह तिमाहियों का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। पिछले साल इसी अवधि में यह वृद्धि 5.6% थी और चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 7.8%। इस तरह तिमाही-दर-तिमाही वृद्धि का ट्रेंड और भी मजबूत होता दिखाई देता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह बेहतर प्रदर्शन ऐसे समय में आया है, जब दुनिया भर में US टैरिफ बढ़ने का दबाव है, निजी निवेश कमजोर है और वैश्विक व्यापार अस्थिरता से गुजर रहा है। इसके बावजूद भारत ने घरेलू मांग और सरकारी प्रयासों के दम पर उम्मीद से अधिक बेहतर आंकड़े पेश किए हैं।
NSO के ताजा आंकड़ों के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में मांग में सुधार, सरकारी खर्च में बढ़ोतरी और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की रफ्तार ने इस ग्रोथ को गति दी। घरेलू खर्च यानी प्राइवेट कंजम्प्शन, जो GDP का लगभग 60% हिस्सा है, इस तिमाही में 6.4% से बढ़कर 7.9% पहुंच गया। इसका मतलब है कि उपभोक्ताओं ने इस बार ज्यादा खरीदारी की—चाहे वह स्मार्टफोन हो, वाहन की EMI, स्कूल फीस या रोजमर्रा की जरूरतों का सामान। लोगों के इस बढ़े हुए खर्च ने अर्थव्यवस्था के सबसे बड़े इंजन को गति दी।
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर ने भी शानदार प्रदर्शन किया। दूसरी तिमाही में इसकी ग्रोथ 9.1% दर्ज की गई, जबकि पिछले साल यही आंकड़ा सिर्फ 2.2% था। इससे स्पष्ट है कि उत्पादन गतिविधियां मजबूत हुई हैं। इसके साथ ही कुछ अन्य क्षेत्रों—जैसे कंस्ट्रक्शन और सर्विस इंडस्ट्री—ने भी अर्थव्यवस्था को सहारा दिया।
पिछली 6 तिमाहियों में GDP ग्रोथ -
| तिमाही |
GDP ग्रोथ |
| Q1-2026 |
7.80% |
| Q4-2025 |
7.40% |
| Q3-2025 |
6.20% |
| Q2-2025 |
5.60% |
| Q1-2025 |
6.50% |
| Q4-2024 |
7.40% |
RBI ने एक अक्टूबर को अपनी मॉनेटरी पॉलिसी मीटिंग में FY26 के लिए विकास दर का अनुमान 6.5% से बढ़ाकर 6.8% किया था। लेकिन ताजा आंकड़ों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि विकास दर केंद्रीय बैंक के अनुमान से कहीं अधिक बेहतर स्तर पर दर्ज की गई है। इससे संकेत मिलता है कि आने वाले महीनों में भी आर्थिक गतिविधियों की गति मजबूत रह सकती है।
GDP किसी देश की आर्थिक सेहत का सबसे महत्वपूर्ण पैमाना है। यह एक तय समय में देश के भीतर उत्पादित सभी वस्तुओं और सेवाओं का मूल्य बताता है। भारत में रियल GDP बेस ईयर 2011–12 की कीमतों पर मापी जाती है, जबकि नॉमिनल GDP मौजूदा कीमतों पर।
सेक्टर–वाइज GDP ग्रोथ (Q2FY 2024-25 vs Q2FY 2025-26) -
| सेक्टर |
Q2FY 2024-25 |
Q2FY 2025-26 |
| एग्रीकल्चर |
4.1% |
3.5% |
| माइनिंग |
-0.4% |
-0.04% |
| मैन्युफैक्चरिंग |
2.2% |
9.1% |
| इलेक्ट्रिसिटी |
3.0% |
4.4% |
| कंस्ट्रक्शन |
8.4% |
7.2% |
| ट्रेड, होटल |
6.1% |
7.4% |
| फाइनेंस और रियल एस्टेट |
7.2% |
10.2% |
| पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन |
8.9% |
9.7% |