बेंगलुरु: कर्नाटक की कांग्रेस सरकार के शीर्ष नेतृत्व, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार, के बीच चल रही कथित सियासी रार अब सार्वजनिक हो गई है। लंबे समय से सोशल मीडिया पर चल रही मुख्यमंत्री बदलने की अटकलों को दोनों नेताओं के ताज़ा सोशल मीडिया पोस्ट ने एक नया मोड़ दे दिया है, जिससे राजनीतिक गलियारों में खलबली मच गई है। इन पोस्ट्स ने कार्यकाल के बाद कथित पावर शेयरिंग फॉर्मूले को लेकर कांग्रेस के भीतर अंदरूनी तनाव को स्पष्ट रूप से उजागर कर दिया है।
सीएम सिद्धारमैया का अप्रत्याशित जवाब
राजनीतिक विश्लेषकों का अनुमान था कि डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार के हालिया बयानों पर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया कोई सीधा बयान नहीं देंगे। हालांकि, सिद्धारमैया ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट करके सभी को चौंका दिया। उन्होंने अपने पोस्ट में बिना किसी का नाम लिए एक मजबूत संदेश दिया, जो शिवकुमार के हालिया बयान का सीधा राजनीतिक जवाब माना जा रहा है। सिद्धारमैया ने अपने पोस्ट की शुरुआत में लिखा, “एक शब्द तब तक ताकत नहीं है जब तक वह लोगों के लिए दुनिया को बेहतर न बनाए।”
उपलब्धियों के साथ दिया 'पूरे 5 साल' का संदेश
अपने इस पोस्ट में, सिद्धारमैया ने अपनी सरकार के पहले वर्ष की उपलब्धियों और 'गारंटियों' को गिनाते हुए पूरे पांच साल तक मुख्यमंत्री बने रहने का स्पष्ट संकेत दिया। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आने के पहले महीने से ही 'गारंटियों' को 'बातों में नहीं, बल्कि एक्शन' में बदला है।
सिद्धारमैया ने अपनी सरकार की प्रमुख उपलब्धियां गिनाईं:
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शक्ति स्कीम: राज्य की महिलाओं को 600 करोड़ से ज़्यादा फ़्री ट्रिप दी गई हैं, जिससे कामकाजी महिलाओं को सम्मान और मोबिलिटी मिली है।
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गृह लक्ष्मी: 1.24 करोड़ महिलाओं के नेतृत्व वाले परिवारों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाया गया है।
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युवा निधि: 3 लाख से अधिक युवाओं को सुरक्षा और उम्मीद के साथ सहयोग दिया गया है।
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अन्न भाग्य 2.0: 4.08 करोड़ नागरिकों के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की गई है।
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गृह ज्योति: 1.64 करोड़ परिवारों को फ़्री बिजली का लाभ मिला है।
'जनता का जनादेश पूरे पांच साल की जिम्मेदारी'
सिद्धारमैया ने अपनी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा कि अपने पहले कार्यकाल (2013-18) में उन्होंने 165 में से 157 वादे पूरे किए थे, यानी 95% से अधिक। उन्होंने जोर दिया कि इस बार भी, 593 वादों में से 243 से अधिक वादे पहले ही पूरे किए जा चुके हैं, और बाकी सभी वादों को भी पूरी प्रतिबद्धता के साथ निभाया जाएगा। सीएम ने अपनी पोस्ट में सबसे महत्वपूर्ण संदेश देते हुए कहा, “जनता का जनादेश एक पल के लिए नहीं, बल्कि पूरे पांच साल की जिम्मेदारी है।” उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी "दया, निरंतरता और साहस" के साथ जो कहती है, वह पूरा करती है। यह बयान स्पष्ट रूप से उन अटकलों को खारिज करता है जिनमें कहा जा रहा था कि सिद्धारमैया ढाई साल बाद शिवकुमार के लिए पद छोड़ देंगे।
शिवकुमार ने की थी 'वादा निभाने' की बात
सिद्धारमैया का यह पोस्ट, उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के उस राजनीतिक बयान का सीधा जवाब माना जा रहा है, जो उन्होंने हाल ही में दिया था। शिवकुमार ने बिना किसी का नाम लिए 'शब्द की शक्ति' और वादे निभाने की राजनीति पर जोर दिया था। डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने कहा था, “शब्द की शक्ति ही विश्व की शक्ति है। दुनिया में सबसे बड़ी ताकत है अपना वादा निभाना। चाहे कोई जज हो, राष्ट्रपति हो या वे खुद, हर किसी को कहा हुआ निभाना चाहिए, क्योंकि असली ताकत उसी में है।”
दोनों शीर्ष नेताओं के बीच सोशल मीडिया पर शब्दों के इस आदान-प्रदान ने यह स्पष्ट कर दिया है कि कर्नाटक में सत्ता के गलियारों में सबकुछ ठीक नहीं है और कथित पावर शेयरिंग समझौते को लेकर कांग्रेस आलाकमान पर दबाव बढ़ रहा है।