'पाकिस्तान कर रहा है अंडरग्राउंड न्यूक्लियर टेस्ट', ट्रंप ने शहबाज-मुनीर की खोली पोल

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Posted On:Monday, November 3, 2025

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने एक हालिया इंटरव्यू में यह दावा कर भारत समेत वैश्विक समुदाय के लिए एक असहज स्थिति पैदा कर दी है कि दुनिया के कई देश चोरी-छिपे परमाणु हथियारों का परीक्षण कर रहे हैं। ट्रंप के अनुसार, रूस, चीन, उत्तर कोरिया और पाकिस्तान लगातार भूमिगत परमाणु परीक्षण कर रहे हैं, जबकि अमेरिका ने 1992 के बाद कोई पूर्ण पैमाने का परीक्षण नहीं किया है। ट्रंप ने जोर देकर कहा, "ये देश जमीन के नीचे टेस्ट करते हैं, जहां कोई देख नहीं पाता। सिर्फ हल्की कंपन महसूस होती है। लेकिन अमेरिका खुला समाज है, इसलिए हमें बताना पड़ता है।" इस खुलासे के साथ ही ट्रंप ने यह तर्क दिया कि यदि अन्य देश गुप्त रूप से परीक्षण कर रहे हैं, तो अमेरिका को भी अपनी परमाणु विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए परीक्षण करना चाहिए।

भारत के लिए क्यों है यह चिंता का विषय?

ट्रंप का यह दावा भारत के लिए विशेष रूप से चिंताजनक है, खासकर पाकिस्तान के संदर्भ में। भारत लंबे समय से सीमा पार से प्रायोजित आतंकवाद का सामना कर रहा है और दोनों देश परमाणु संपन्न हैं।

  • परमाणु हथियार संतुलन: पाकिस्तान के पास वर्तमान में अनुमानित 170 परमाणु हथियार हैं, जबकि भारत के पास लगभग 180 परमाणु हथियार हैं। यह संतुलन नाजुक है।

  • गुप्त परीक्षण का खतरा: यदि पाकिस्तान दुनिया की नजरों से छिपकर न्यूक्लियर टेस्ट करता है, जैसा कि ट्रंप ने दावा किया है, तो इससे उसके हथियारों की संख्या बढ़ सकती है या उनकी मारक क्षमता (Reliability) में सुधार हो सकता है।

  • असहज सुरक्षा स्थिति: पाकिस्तान द्वारा परमाणु क्षमता में कोई भी गुप्त वृद्धि भारत के लिए असहज करने वाली सुरक्षा स्थिति पैदा कर सकती है। हालांकि भारत परमाणु हथियारों के 'पहले इस्तेमाल नहीं' (No First Use) की नीति का पक्षधर रहा है और इसे 'शांति का हथियार' मानता है, लेकिन विरोधी की क्षमता में अनिश्चित वृद्धि नई रणनीतिक चुनौतियां खड़ी करती है।

ट्रंप क्यों चाहते हैं परमाणु परीक्षण?

अमेरिका ने 1992 के बाद से परमाणु हथियारों का कोई पूर्ण-स्तरीय परीक्षण नहीं किया है। ट्रंप अब इस स्थिति को बदलने की वकालत कर रहे हैं। ट्रंप का मुख्य तर्क यह है कि यदि उत्तर कोरिया जैसे छोटे देश लगातार टेस्ट कर सकते हैं, तो अमेरिका जैसे महाशक्ति को पीछे नहीं रहना चाहिए। उन्होंने साफ कहा, "हम टेस्ट करेंगे क्योंकि वे टेस्ट कर रहे हैं।" ट्रंप ने अपने दावे को दोहराया: "रूस टेस्ट कर रहा है, चीन टेस्ट कर रहा है, लेकिन वे इसके बारे में बात नहीं करते। उत्तर कोरिया तो लगातार टेस्ट करता रहता है। पाकिस्तान भी टेस्ट कर रहा है।" उनका मानना है कि परमाणु हथियारों की विश्वसनीयता (Reliability) जांचने के लिए परीक्षण आवश्यक हैं, खासकर तब जब रूस जैसे देश ने हाल ही में पोसीडॉन अंडरवाटर ड्रोन जैसे उन्नत परमाणु सिस्टम का ट्रायल किया हो। ट्रंप ने चेतावनी दी कि अगर अमेरिका परीक्षण नहीं करेगा, तो वह ऐसा नहीं करने वाला इकलौता देश बन जाएगा।

परमाणु हथियारों की अनुमानित संख्या

स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) जैसे संगठनों के अनुमानों के अनुसार, प्रमुख परमाणु शक्ति वाले देशों के पास परमाणु हथियारों की संख्या निम्नलिखित है (इसमें तैनाती योग्य और भंडारित हथियार शामिल हैं):

देश परमाणु बमों की अनुमानित संख्या
रूस 5,449
अमेरिका 5,277
चीन 600
फ्रांस 290
ब्रिटेन 225
भारत 180
पाकिस्तान 170
इजरायल 90
उत्तर कोरिया 50

ट्रंप ने दावा किया कि अमेरिका के पास वर्तमान में सबसे अधिक परमाणु हथियार हैं, लेकिन उन्होंने चेतावनी दी कि रूस और चीन तेजी से संख्या बढ़ा रहे हैं और "वो दिन दूर नहीं जब ये देश हमसे आगे निकल जाएंगे।" ट्रंप के इन बयानों ने व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि (CTBT) और वैश्विक अप्रसार प्रयासों की प्रभावशीलता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अमेरिका के भीतर और बाहर, ट्रंप के परीक्षण फिर से शुरू करने के विचार को लेकर एक नई और गंभीर बहस छिड़ गई है।


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