देश के नौ राज्यों और तीन केंद्रशासित प्रदेशों में 4 नवंबर से चल रहे मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision - SIR) की प्रक्रिया ने मतदाताओं के बीच दस्तावेज़ों को लेकर भ्रम पैदा कर दिया है. ब्लॉक लेवल ऑफिसर (BLO) घर-घर जाकर गणना प्रपत्र (Enumeration Form) वितरित कर रहे हैं. मतदाता अक्सर यह सवाल कर रहे हैं कि क्या केवल आधार कार्ड होने से ही वोटर लिस्ट में उनका नाम शामिल हो जाएगा, या अन्य दस्तावेज़ों की भी ज़रूरत पड़ेगी?
संक्षेप में: नहीं, आधार कार्ड अकेले किसी को वोटर बनने के योग्य नहीं बनाता है और SIR प्रक्रिया में सिर्फ आधार के आधार पर नाम शामिल नहीं किया जाएगा। अन्य सहायक दस्तावेज़ों की ज़रूरत पड़ेगी।
आधार कार्ड क्यों नहीं है नागरिकता का प्रमाण
चुनाव आयोग के निर्देश और भारत के संविधान के अनुच्छेद 326 के अनुसार, आधार कार्ड अकेले किसी व्यक्ति को वोटर बनने के लिए योग्य नहीं बनाता है। सुप्रीम कोर्ट ने SIR को लेकर कहा है कि आधार कार्ड का उपयोग अधिनियम के अनुरूप है, लेकिन आधार अधिनियम के सेक्शन-9 में यह स्पष्ट रूप से कहा गया है कि आधार कार्ड को डोमिसाइल (निवास) या सिटीजनशिप (नागरिकता) का प्रमाण नहीं माना जा सकता है।
Enumeration Form में क्या है ज़रूरी?
हालांकि, BLO द्वारा दिए जा रहे गणना प्रपत्र में नाम के बाद दूसरा कॉलम आधार कार्ड का है, और मतदाताओं को अपना आधार कार्ड नंबर लिखने के लिए कहा गया है, लेकिन SIR प्रक्रिया का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा वंशावली सत्यापन है:
-
पुराना विवरण: यदि आप मतदाता हैं, तो अपना वर्तमान एपिक नंबर लिखें।
-
2002-2003 की सूची: यदि आपका नाम 2002-2003 की SIR की लिस्ट में है, तो उसका विवरण फॉर्म के निचले हिस्से में दाईं ओर लिखें।
-
वंशावली का विवरण: यदि आपका नाम 2002-2003 की वोटर लिस्ट में नहीं है, तो अपने माता-पिता, दादा-दादी या नाना-नानी जिनका नाम उस लिस्ट में था, उनका विवरण (वोटर कार्ड नंबर, मतदान केंद्र का नाम, पार्ट नंबर और सीरियल नंबर) फॉर्म के नीचे बाईं ओर लिखें।
यदि आपका नाम 2002 या 2003 की वोटर लिस्ट में नहीं है और न ही आपके किसी संबंधी का है, तब भी आप फॉर्म भरकर BLO को जमा कर सकते हैं। इसके बाद आपको नोटिस जारी किया जाएगा और दस्तावेज़ों का सत्यापन किया जाएगा।
चुनाव आयोग द्वारा मान्य 13 सहायक दस्तावेज़
चुनाव आयोग ने साफ निर्देश दिया है कि वोटर लिस्ट में केवल आधार के आधार पर किसी व्यक्ति का नाम शामिल नहीं किया जाएगा। ऐसे सभी वोटर जिनके नाम साल 2003 के वोटर लिस्ट से मिलान नहीं हो पाते हैं, उन्हें सुनवाई के दौरान साक्ष्य के रूप में 13 दस्तावेजों की लिस्ट में से कोई एक पेश करना होगा:
-
सेंट्रल/स्टेट गवर्नमेंट/PSU के रेगुलर एम्प्लॉई/पेंशनर को जारी किया गया कोई भी आइडेंटिटी कार्ड या पेंशन पेमेंट ऑर्डर (PPO).
-
इंडियन गवर्नमेंट/बैंक/लोकल अथॉरिटी/PCU द्वारा जारी किया गया कोई भी आइडेंटिटी कार्ड/सर्टिफिकेट/डॉक्यूमेंट्स.
-
कॉम्पिटेंट अथॉरिटी द्वारा जारी किया गया बर्थ सर्टिफिकेट.
-
पासपोर्ट.
-
रिकॉग्नाइज्ड बोर्ड/यूनिवर्सिटी द्वारा जारी किया गया मैट्रिकुलेशन/एजुकेशनल सर्टिफिकेट.
-
स्टेट अथॉरिटी द्वारा जारी किया गया परमानेंट रेजिडेंट सर्टिफिकेट.
-
फॉरेस्ट राइट्स सर्टिफिकेट.
-
OBC/ST/SC या कोई भी कास्ट सर्टिफिकेट.
-
नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स (जहां भी हो).
-
स्टेट/लोकल अथॉरिटी द्वारा तैयार किया गया फैमिली रजिस्टर.
-
गवर्नमेंट द्वारा कोई भी लैंड/हाउस अलॉटमेंट सर्टिफिकेट.
-
आधार कार्ड (कमीशन के लेटर नंबर 23/2025-ERS/Vol.II डेटेड 9.09.2025 के जरिए जारी किए गए डायरेक्शन लागू होंगे).
-
2002-2003 की सूची में उल्लेखित पूर्वजों का विवरण।
इन दस्तावेज़ों का सत्यापन सुनवाई के दौरान किया जाएगा।