बॉलीवुड के सुपरस्टार सलमान खान की मुश्किलें उनके एक व्यावसायिक विज्ञापन को लेकर बढ़ गई हैं। फिल्मों से परे विज्ञापनों से मोटी कमाई करने वाले इस अभिनेता को, पान मसाला से जुड़े एक कथित भ्रामक विज्ञापन के मामले में कोटा की एक उपभोक्ता अदालत ने नोटिस जारी किया है। यह मामला एक बार फिर से सेलिब्रिटी एंडोर्समेंट (ब्रांड विज्ञापन) की नैतिकता और उनकी सामाजिक जिम्मेदारी पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
'केसर' के झूठे दावे पर उठी आपत्ति
यह शिकायत अधिवक्ता इंदर मोहन सिंह हनी द्वारा उपभोक्ता अदालत में दायर की गई है। शिकायत में पान मसाला बनाने वाली कंपनी और उसके ब्रांड एंबेसडर, अभिनेता सलमान खान, दोनों पर उपभोक्ताओं को गुमराह करने का आरोप लगाया गया है।
मूल आरोप: याचिकाकर्ता का दावा है कि कंपनी अपने उत्पाद राजश्री पान मसाला का विज्ञापन "केसर युक्त इलायची" और "केसर युक्त पान मसाला" बताकर कर रही है।
तर्क का आधार: शिकायतकर्ता ने तर्क दिया है कि यह दावा तथ्यों से परे है। उन्होंने कहा कि लगभग ₹4 लाख प्रति किलोग्राम की कीमत वाला शुद्ध केसर, उस पान मसाला उत्पाद में शामिल नहीं हो सकता, जिसकी कीमत बाजार में मात्र ₹5 है।
भ्रामक प्रचार: याचिका में कहा गया है कि सेलिब्रिटी द्वारा किया गया इस तरह का भ्रामक विज्ञापन, विशेष रूप से युवाओं को पान मसाला (जो मुंह के कैंसर का एक प्रमुख कारण है) खाने के लिए प्रोत्साहित करता है, जिससे सार्वजनिक स्वास्थ्य को खतरा होता है। शिकायतकर्ता ने अदालत से इन भ्रामक विज्ञापनों पर तत्काल प्रतिबंध लगाने की मांग की है।
उपभोक्ता न्यायालय का नोटिस और अगली सुनवाई
इस शिकायत के आधार पर, कोटा उपभोक्ता न्यायालय ने अभिनेता सलमान खान और पान मसाला निर्माता कंपनी को नोटिस जारी कर इस मामले में उनका औपचारिक जवाब मांगा है। एएनआई के अनुसार, कोर्ट अब अभिनेता और कंपनी, दोनों के पक्ष का इंतजार कर रहा है।
अंतिम तिथि: मामले की अगली सुनवाई 27 नवंबर को निर्धारित की गई है।
कानूनी जवाबदेही: यह घटना सेलिब्रिटी ब्रांड एंडोर्सर की कानूनी जवाबदेही को रेखांकित करती है, जिसके तहत उन्हें विज्ञापन में किए गए दावों की सत्यता सुनिश्चित करनी होती है, खासकर उन उत्पादों के मामले में जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं।
करोड़ों की कमाई और सामाजिक जिम्मेदारी
यह विवाद ऐसे समय में सामने आया है जब सलमान खान जैसे सुपरस्टार विज्ञापनों से बड़ी कमाई करते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ब्रांड एंडोर्समेंट के लिए उनकी फीस 4 करोड़ रुपये से 10 करोड़ रुपये के बीच बताई जाती है। इस भारी भरकम फीस के बदले, ये सुपरस्टार ऐसे उत्पादों का प्रचार करने से भी नहीं हिचकते जिन पर स्वास्थ्य जोखिमों के स्पष्ट लेबल होते हैं।
यह मामला एक बार फिर से इस बहस को हवा देता है कि क्या उच्च फीस लेने वाले सार्वजनिक हस्तियों को उन उत्पादों के विज्ञापन से बचना चाहिए जो युवाओं को गुमराह कर सकते हैं या उनके स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
स्वास्थ्य बनाम व्यापार: सेलिब्रिटी एंडोर्समेंट की दुनिया में अक्सर व्यापारिक लाभ, सामाजिक जिम्मेदारी पर भारी पड़ जाता है।
कानून की निगाह: उपभोक्ता संरक्षण कानून अब भ्रामक विज्ञापनों के खिलाफ अधिक सख्त हो रहे हैं, और इस तरह के कानूनी नोटिस संकेत देते हैं कि सेलिब्रिटीज को अपने द्वारा प्रचारित किए गए उत्पादों के दावों के प्रति अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है। फिलहाल, सभी की निगाहें 27 नवंबर की सुनवाई पर टिकी हैं, जहाँ सलमान खान का कानूनी पक्ष यह निर्धारित करेगा कि यह मामला सेलिब्रिटी विज्ञापन नियमों के लिए एक नया मानदंड स्थापित करता है या नहीं।