मुंबई, 13 अक्टूबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने सोमवार को IRCTC घोटाले मामले में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) प्रमुख लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी यादव को आरोपी माना है। अदालत ने कहा कि लालू यादव की जानकारी में टेंडर घोटाले की पूरी साजिश रची गई थी और उसमें उनका हस्तक्षेप भी था। अदालत के मुताबिक इस घोटाले से लालू परिवार को सीधा लाभ पहुंचा। इसके साथ ही अब तीनों के खिलाफ मुकदमा चलेगा।
वहीं, लालू यादव ने अदालत के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए आरोपों को पूरी तरह निराधार बताया। यह मामला रांची और पुरी स्थित इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (IRCTC) के दो होटलों के टेंडर आवंटन में कथित भ्रष्टाचार से जुड़ा है। बिहार विधानसभा चुनाव के बीच आया यह फैसला लालू यादव और आरजेडी के लिए नई मुश्किलें खड़ी कर सकता है। इससे पहले लालू यादव व्हीलचेयर पर कोर्ट पहुंचे थे, उनके साथ राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव भी मौजूद थे। इसी दौरान अदालत में लैंड फॉर जॉब्स मामले की सुनवाई भी हुई, लेकिन उस पर फैसला टल गया। अब इस मामले में 10 नवंबर को अदालत अपना फैसला सुनाएगी।
सुनवाई के बाद तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा कि जब तक बीजेपी सत्ता में है, तब तक राजनीतिक प्रतिशोध चलता रहेगा। उन्होंने कहा कि गृहमंत्री अमित शाह ने कुछ समय पहले बिहार में उन्हें धमकी दी थी कि वे चुनाव लड़ने लायक नहीं बचेंगे, लेकिन वे डरने वाले नहीं हैं। तेजस्वी ने कहा, “हम बिहारी हैं, बाहरी से नहीं डरते। हम लड़ेंगे और जीतेंगे।” तेजस्वी यादव ने इस मामले को राजनीतिक साजिश करार दिया और कहा कि यह सब चुनाव से पहले विपक्ष को कमजोर करने की कोशिश है। उन्होंने कहा कि उनके पिता लालू यादव ने रेल मंत्री रहते हुए रेलवे को 90,000 करोड़ रुपये का मुनाफा दिया था और हर बजट में किराया घटाया था। उन्होंने कहा कि लालू जी को एक ऐतिहासिक रेल मंत्री के रूप में जाना जाता है, हार्वर्ड और IIM के छात्र उनसे मैनेजमेंट सीखने आते थे। उन्होंने कहा कि बिहार और देश की जनता सच्चाई जानती है और न्याय जरूर मिलेगा।
कोर्ट के आदेश के अनुसार अब लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव पर भ्रष्टाचार, आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी के आरोपों के तहत मुकदमा चलेगा। भारतीय दंड संहिता की धारा 420 और 120B के तहत आरोप लगाए गए हैं। अगर ये आरोप साबित हुए, तो तीनों को एक साल से लेकर सात साल तक की सजा हो सकती है। इसी बीच, जमीन के बदले रेलवे में नौकरी देने से जुड़े लैंड फॉर जॉब्स स्कैम मामले में भी राउज एवेन्यू कोर्ट ने फैसला टाल दिया है। अब इस पर 10 नवंबर को सुनवाई होगी। सीबीआई ने इस केस में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए चार्जशीट दाखिल की थी। एजेंसी ने बताया था कि अधिकांश जमीन सौदों में भुगतान कैश में हुआ और यह सब लालू यादव के रेल मंत्री रहने के दौरान किया गया। इस मामले में IPC की कई धाराओं और प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट 1988 के तहत केस दर्ज किया गया है।