मुंबई, 19 जुलाई, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। ओडिशा के पुरी जिले में शनिवार को एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जहां 15 साल की नाबालिग लड़की को तीन लोगों ने पेट्रोल डालकर आग के हवाले कर दिया। यह वारदात पुरी के बायाबर गांव में उस समय हुई जब पीड़ित लड़की अपने दोस्त के घर जा रही थी। रास्ते में तीन हमलावरों ने उसे रोका और पेट्रोल डालकर आग लगा दी। पीड़िता को गंभीर हालत में AIIMS भुवनेश्वर में भर्ती कराया गया है, जहां उसकी हालत नाजुक बनी हुई है। यह घटना बालंगा थाना क्षेत्र से मात्र डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर हुई। पुलिस ने आरोपियों की तलाश में सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है, लेकिन अभी तक तीनों हमलावर फरार हैं। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि इस हमले की वजह क्या थी।
इस सनसनीखेज घटना से कुछ ही दिन पहले ओडिशा के बालासोर जिले के फकीर मोहन कॉलेज में सेक्शुअल हैरेसमेंट से परेशान एक छात्रा ने खुद पर केरोसीन छिड़ककर आत्मदाह कर लिया था। छात्रा कॉलेज में इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स की सेकंड ईयर की स्टूडेंट थी। उसने 12 जुलाई को कॉलेज कैंपस में खुद को आग लगा ली थी। बताया गया कि उसने पहले कॉलेज के प्रिंसिपल से शिकायत की थी लेकिन प्रिंसिपल ने उसकी बात को गंभीरता से लेने के बजाय शिकायत वापस लेने की सलाह दी थी। पीड़िता को पहले जिला अस्पताल और फिर AIIMS भुवनेश्वर में भर्ती कराया गया, जहां 14 जुलाई की रात उसकी मौत हो गई। छात्रा 95 फीसदी से ज्यादा जल चुकी थी।
इस मामले में पुलिस ने 12 जुलाई को आरोपी हेड ऑफ डिपार्टमेंट समीर कुमार साहू को गिरफ्तार कर लिया था और बढ़ते विरोध के बाद कॉलेज के प्रिंसिपल दिलीप घोष को सस्पेंड करने के साथ 14 जुलाई को गिरफ्तार भी किया गया। लगातार हो रही इन घटनाओं पर पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि अपराधी अब बेखौफ हो चुके हैं। उन्होंने पूछा कि क्या अब सरकार जागेगी और क्या अपराधियों को जल्द सजा मिलेगी। पटनायक ने कहा कि एक हफ्ते के भीतर दो दर्दनाक घटनाएं सामने आई हैं और इससे ओडिशा की बेटियों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। इस बीच तृणमूल कांग्रेस ने इस घटना को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा। पार्टी ने लिखा कि ‘बेटी बचाओ’ का नारा अब कहां है और प्रधानमंत्री मोदी को इसका जवाब देना चाहिए क्योंकि यह उनके हाथों पर खून है। वहीं पीड़िता के परिवार ने किसी निजी दुश्मनी या प्रेम संबंध से इनकार करते हुए साफ किया कि यह हमला बिना किसी स्पष्ट कारण के किया गया। लगातार सामने आ रही इन घटनाओं ने राज्य में महिला सुरक्षा की स्थिति पर गंभीर चिंता पैदा कर दी है, और लोगों में आक्रोश भी बढ़ता जा रहा है।