भारत में कोरोना के मामले एक बार फिर तेजी से बढ़ रहे हैं और अब देश में कुल कोविड-19 संक्रमण के मरीज 4000 के पार हो चुके हैं। हालांकि स्वास्थ्य विभाग इस वृद्धि को फिलहाल चिंताजनक नहीं मान रहा है, लेकिन सतर्कता और साफ-सफाई के नियमों का कड़ाई से पालन करने की सलाह लगातार दी जा रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के 2 जून सुबह 8 बजे के ताजा आंकड़ों के अनुसार, देश में कोरोना के कुल सक्रिय मामले अब 4026 पहुंच चुके हैं।
केरल में सबसे ज्यादा कोरोना केस दर्ज किए गए हैं, जो कुल 1435 से ऊपर हैं। इसके बाद महाराष्ट्र दूसरे नंबर पर है, जहां कोरोना संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। दिल्ली में हाल ही में एक 22 वर्षीय युवती की कोरोना से मौत की पुष्टि हुई है। यह युवती पहले से ही टीबी (ट्यूबरक्यूलोसिस) जैसी गंभीर बीमारी से ग्रसित थी, जिससे उसकी हालत और भी गंभीर हो गई थी। बीते 24 घंटों में देश में कोरोना से कुल 6 मौतें हुई हैं। यह स्थिति बताती है कि संक्रमण के बढ़ते मामलों को लेकर हमें पूरी सावधानी बरतनी होगी।
देश के कई राज्यों में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। इंदौर में पिछले दिनों एक नया केस सामने आया है, जहां फिलहाल कुल 21 एक्टिव केस हैं। इंदौर के सीएमएचओ डॉ. सैत्या ने बताया कि संक्रमितों में कोई भी गंभीर लक्षण नहीं दिखा है और सभी मरीज घर पर आइसोलेशन में हैं। ऐसे मामलों में जरूरी है कि मरीजों को घर पर ही अलग रखा जाए ताकि संक्रमण और फैलने से रोका जा सके।
दिल्ली में कोरोना की स्थिति को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से कोरोना टेस्टिंग प्रक्रिया की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि कोरोना के नमूने (सैंपल) कैसे लिए जाते हैं, उन्हें कहां स्टोर किया जाता है और जांच तक कैसे पहुंचाया जाता है। साथ ही कोर्ट ने इस बात पर जोर दिया कि कोविड-19 महामारी का खतरा अभी समाप्त नहीं हुआ है, इसलिए सरकार को जल्द से जल्द एक SOP (Standard Operating Procedure) तैयार करनी चाहिए ताकि किसी भी भविष्य की महामारी से निपटने में सुविधा हो।
हरियाणा के फरीदाबाद में भी कोरोना के 5 नए केस मिले हैं, जिससे वहां कुल एक्टिव मरीजों की संख्या 21 हो गई है। वहीं, रांची में बीते पांच दिनों से लगातार कोरोना संक्रमित मरीज मिल रहे हैं और राज्य में कुल मरीजों की संख्या 5 हो गई है। इस तरह देश के अलग-अलग हिस्सों में कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं, जिससे स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है।
दिल्ली के आरएमएल अस्पताल के कोविड नोडल अधिकारी डॉक्टर पवन ने बताया है कि उन्होंने कोरोना के मामलों में वृद्धि को देखते हुए अस्पताल में 9 नए कोरोना वार्ड खोल लिए हैं। साथ ही जरूरी दवाइयों और चिकित्सा उपकरणों का स्टॉक भी तैयार कर लिया गया है। इससे साफ है कि अस्पताल और स्वास्थ्य प्रणाली संक्रमण के बढ़ते प्रभाव से निपटने के लिए तैयार हैं।
देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या में बढ़ोतरी को लेकर विशेषज्ञ भी चिंतित हैं, हालांकि उन्होंने कहा है कि अभी महामारी के पुनः गंभीर स्तर पर पहुंचने की संभावना कम है। उन्होंने लोगों से आग्रह किया है कि वे मास्क पहनें, नियमित रूप से हाथ धोएं और सामाजिक दूरी बनाए रखें। इसके अलावा, जहां भी खांसी, जुकाम या बुखार के लक्षण दिखें, तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और बिना जांच करवाए खुद से घबराएं नहीं।
कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच सरकार ने लोगों को गलत सूचनाओं से बचने की सलाह भी दी है। कुछ समय पहले वायरल हुई खबरों के कारण कई लोग अनावश्यक रूप से कोरोना टेस्ट के लिए भाग रहे थे, जिससे स्वास्थ्य व्यवस्था पर दबाव बढ़ा। कोविड ऑफिसर ने कहा है कि सामान्य सर्दी-खांसी होने पर तुरंत कोरोना टेस्ट के लिए भागना जरूरी नहीं है, बल्कि पहले आराम करें और लक्षणों पर नजर रखें।
देश में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान हुए नुकसान को देखते हुए अब स्वास्थ्य विभाग और केंद्र सरकार पूरी तरह से सतर्क हैं। उन्होंने टेस्टिंग, टीकाकरण और उपचार की व्यवस्था को मजबूत किया है। इसके अलावा, कोरोना वैक्सीन की उपलब्धता बढ़ा दी गई है ताकि अधिक से अधिक लोगों को समय पर टीका लगाया जा सके। हालांकि, टीकाकरण के बावजूद संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं, जो यह दर्शाता है कि वायरस अब भी फैलने में सक्षम है।
भारत में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों की वजह से सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि लोगों को स्वयं सावधानी बरतनी होगी। भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर मास्क पहनना अनिवार्य है और सामाजिक दूरी बनाए रखना जरूरी है। इसके साथ ही, व्यक्तिगत स्वच्छता का ध्यान रखना बेहद आवश्यक है। अगर ये सब सावधानियां नहीं बरती गईं तो कोरोना संक्रमण फिर से बड़े पैमाने पर फैल सकता है।
निष्कर्षतः, देश में कोरोना के मामलों में वृद्धि को लेकर जागरूक रहना और सावधानी बरतना ही सबसे बड़ा हथियार है। फिलहाल संक्रमण को लेकर स्थिति गंभीर नहीं है, लेकिन इसका अर्थ यह नहीं कि हम लापरवाह हो जाएं। स्वस्थ रहना, मास्क लगाना, हाथ धोना और अगर लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना बहुत जरूरी है। कोरोना के खिलाफ लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है, इसलिए सतर्कता और जिम्मेदारी के साथ ही हम इसे नियंत्रित कर सकते हैं।