मई के आखिरी हफ्ते से लगातार आसमान छूती सोने और चांदी की कीमतों ने निवेशकों और आम उपभोक्ताओं दोनों को चिंता में डाल दिया था। चांदी पहले ही ₹1 लाख प्रति किलो का आंकड़ा पार कर चुकी थी, वहीं सोने ने भी ₹1 लाख प्रति 10 ग्राम की सीमा लांघ दी थी। लेकिन जून के अंत में, खासकर 24 जून 2025 को इन दोनों कीमती धातुओं की कीमतों में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। यह बदलाव न सिर्फ बाजार को प्रभावित कर रहा है बल्कि आम लोगों के निवेश निर्णयों पर भी असर डाल सकता है।
सोने की कीमतों में कितनी गिरावट?
24 जून को 22 कैरेट और 24 कैरेट सोने दोनों की कीमत में गिरावट देखी गई:
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22 कैरेट सोना: ₹750 प्रति 10 ग्राम की कटौती के साथ अब कीमत ₹91,550 हो गई है, जो पहले ₹92,300 थी।
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24 कैरेट सोना: ₹820 की कमी के साथ अब कीमत ₹99,870 प्रति 10 ग्राम पर आ गई है, जो पहले ₹1,00,690 थी।
यह गिरावट ऐसे समय आई है जब लगातार अंतरराष्ट्रीय बाजार में आर्थिक अस्थिरता, डॉलर की चाल, और कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव देखा जा रहा था।
चांदी की कीमतों में राहत
चांदी की कीमत में भी ₹1000 प्रति किलोग्राम की गिरावट आई है:
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पुरानी कीमत: ₹1,10,000 प्रति किलोग्राम
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नई कीमत: ₹1,09,000 प्रति किलोग्राम
यह कटौती खासकर उन लोगों के लिए राहत है जो त्योहार, विवाह या निवेश के उद्देश्य से चांदी खरीदने की सोच रहे हैं।
🏙️ महानगरों में सोने की कीमतें (24 जून 2025 तक)
शहर |
24 कैरेट |
22 कैरेट |
दिल्ली |
₹1,00,020 |
₹91,700 |
मुंबई |
₹99,870 |
₹91,550 |
कोलकाता |
₹99,870 |
₹91,550 |
चेन्नई |
₹99,870 |
₹91,550 |
लखनऊ |
₹1,00,020 |
₹91,700 |
जयपुर |
₹1,00,020 |
₹91,700 |
इसके अलावा वडोदरा, पटना, अहमदाबाद जैसे शहरों में भी मामूली अंतर के साथ यही कीमतें देखने को मिल रही हैं।
अन्य प्रमुख शहरों में चांदी के रेट (प्रति 1 किलोग्राम)
शहर |
चांदी का रेट |
दिल्ली |
₹1,09,900 |
मुंबई |
₹1,09,900 |
हैदराबाद |
₹1,19,000 |
कोलकाता |
₹1,09,900 |
पटना |
₹1,09,000 |
जयपुर |
₹1,09,000 |
गाजियाबाद |
₹1,09,000 |
गुरुग्राम |
₹1,09,900 |
चेन्नई, केरल और हैदराबाद में चांदी अब भी ₹1,19,000 प्रति किलो के उच्चतम स्तर पर बिक रही है।
टैक्स और अन्य चार्ज का असर
यह ध्यान देना जरूरी है कि जो कीमतें ऊपर बताई गई हैं, उनमें GST, मेकिंग चार्ज और अन्य टैक्स शामिल नहीं हैं। आमतौर पर:
निवेश के लिहाज से क्या है समय?
सोने और चांदी दोनों में दीर्घकालिक निवेश को सुरक्षित और स्थायी माना जाता है। जून अंत में आई यह गिरावट उन निवेशकों के लिए एक सुनहरा अवसर हो सकती है जो ऊंची कीमतों के चलते निवेश से दूर हो गए थे। विशेषज्ञ मानते हैं कि आने वाले महीनों में, विशेषकर त्योहारी और शादी के सीजन में, फिर से तेजी देखने को मिल सकती है।
क्यों आई गिरावट?
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डॉलर की मजबूती: वैश्विक बाजार में डॉलर की मजबूत स्थिति ने सोने-चांदी की कीमत पर दबाव बनाया।
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शेयर बाजार में तेजी: निवेशकों का रुझान सोने से हटकर इक्विटी की ओर गया।
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क्रूड ऑयल में गिरावट: तेल के सस्ते होने से महंगाई दबाव में आई, जिससे सोने की चमक थोड़ी मद्धम हुई।
निष्कर्ष:
1 लाख रुपये के पार पहुंचे सोने-चांदी के रेट में आई हालिया गिरावट आम उपभोक्ताओं और निवेशकों दोनों के लिए राहत का संकेत है। यह समय है जब समझदारी से खरीदारी कर आप अपने निवेश को सुरक्षित बना सकते हैं।
हालांकि, सोने-चांदी की कीमतें वैश्विक घटनाओं से गहराई से जुड़ी होती हैं, इसलिए निर्णय लेने से पहले बाजार की स्थिति को जरूर परखें।
अभी खरीदी करें, क्योंकि कीमतें कब फिर उछाल मार लें—कहना मुश्किल है।